व्यवस्था के गुलाम अपनी गुलामी का वित्तपोषण स्वयं करते हैं। यह वास्तव में पागलपन है और अनावश्यक है यदि लोग स्पष्ट रूप से देख सकें और एक साथ दृढ़ रहें और अब जानवर को अपना जीवन रक्त और जीवन ऊर्जा न खिलाएं। अपनी अच्छी चेतना में वापस आएँ और स्पष्ट रूप से देखें कि आप क्या बन गए हैं और यदि आप ऐसा करते तो आप क्या हो सकते थे।
© एमएन हॉपकिंस
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