यह ज्ञात है कि मनुष्य हजारों वर्षों से कष्ट भोग रहा है। समय-समय पर स्वतंत्रता के क्षण आते रहे हैं लेकिन वे आमतौर पर अल्पकालिक होते हैं। बुराई हमारी हर कमज़ोरी को जानती है और इंसान आसानी से धोखा खा जाता है। मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि अपनी इच्छाशक्ति और मन को मजबूत करें और ईश्वरीय हस्तक्षेप में अपना विश्वास बढ़ाएं।
© 2023 एमएन हॉपकिंस
नोट: ये शब्द मेरे दिमाग में तब आए जब मैं सोच रहा था कि किसी के इस सवाल का जवाब कैसे दूं कि हमारे समुदायों में मौजूदा समस्याएं कितने समय तक बनी रह सकती हैं। यदि शीघ्र ही कोई अंत दिखाई दे तो? मैंने अपने उत्तर को अपने ब्लॉग पर एक उद्धरण के रूप में शामिल करने के बारे में सोचा, यह विश्वास करते हुए कि यह कई लोगों को पसंद आएगा।
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